पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्या देवी बाई

 

पुण्य श्लोक लोकमाताअहिल्या देवी बाई 

दिनांक. 06.12.24 को शासकीय नवीन महाविद्यालय रिसालीदुर्ग में पुण्य श्लोक लोकमाता अहिल्या देवी बाई की जन्मत्रिशताब्दी मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में भूत पूर्व कुलपति हेमचंदविश्वविद्यालय दुर्ग डॉ. एन. पी. दीक्षित उपस्थित थे। विशिष्ट अतिथियों में देशदीपक सिंह सह सचिव जम्मू कश्मीर अध्ययन केंद्र डॉ. कामता साह- सह सचिव अहिल्या बाई होलकरत्रिशताब्दी समारोह समिति जिला,दुर्ग एवं श्री वी. नागेश्वर राव जी थे। महाविदयालय कीसंरक्षिका एवं प्राचार्य डॉ. अनुपमा अस्थाना द्वारा सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छभेंट कर स्वागत एवं अभिनंदन किया गया। प्राचार्य महोदया ने अपने उद्बोधन में कहाकि लोकमाता का जीवन हमारे लिए एक उदाहरण है। उनका व्यक्तित्व नारी शक्ति का जीवंतउदाहरण है। उन्होंने अपने कार्यों द्वारा भारत की संस्कृति एवं विरासत को समृद्धकिया । विशिष्ट अतिथि श्री देश दीपक ने अपने वक्तव्य में कहा कि भारत का अतीतगौरवशाली है जिसका प्रतीक अहिल्याबाई का जीवन चरित्र है। मुख्य अतिथि श्री. एन.पी. दीक्षित ने छात्र-छात्राओं को अहिल्याबाई के जीवन के बारे में विस्तृत जानकारीदी। उन्होंने कहा कि अहिल्यादेवी के नाम के आगे पुण्य श्लोक का जुडना इस बात काप्रतीक है कि वह कितनी शुभ चरित्र वाली व्यक्तित्व थी। वे न्याय की मूर्ति थी।उन्होंने सदैव सत्य का पालन किया और अपनी सूझबूझ से 30 सालों तक स्वतंत्र रूप से राज्य किया।कार्यक्रम का संयोजन डॉ. पूजा पांडेय एवं मंच संचालन डॉ. ममता के द्वारा किया गया। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं दिया, योगेश,गजानंद,लोकेश,श्वेता,पांखी,कंचन,काजल,बुशरा,भावना,सुजाता,आकाश,हेमलाल,उपासना,सनत द्वारा अहिल्यादेवी की न्याय प्रियता पर एक सुंदर नाट्यकी प्रस्तुति की गई। कार्यक्रम में प्रो. नागरत्ना गनवीर, प्रो. निवेदिता मुखर्जी, प्रो. नूतनदेवांगन, प्रो. लिनेंद्रकुमार वर्मा,प्रो. शंभू प्रसाद निर्मलकर, प्रो. विनीता, प्रो. सतीश गोटा, प्रो. वेद, समस्त ऑफिस स्टॉफ एवं बड़ी संख्या मेंछात्र-छात्राएं उपस्थित थे।